Wednesday, June 30, 2021

भारतीय राजनीति की घटिया शतरंजी_चालें..

हम सभी को (चाहे कान्वेंट से पढ़े हों या सरकारी प्राइमरी स्कूल में) पहली कक्षा से ही एक बात जरूर पढ़ायी गयी है कि #भारत शताब्दियों तक विदेशियों का #गुलाम रहा है और यह ऐतिहासिक तथ्य भी है कि अंततः हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी। अब आजादी में किनका कितना योगदान या प्रयास था, यह फिर कभी..

आज चर्चा कर रहा हूं सदियों की गुलामी और आजादी के 70 सालों में देश के साथ खेली गयी राजनीतिक_शतरंज की चालों के घटिया परिणामों की, पढ़िये और समझने की कोशिश करिये-

1. विदेशी लुटेरे और आक्रांता देश के आदर्श बन गये और हमारे अपने महापुरुष समाजविरोधी..

2. दान-दक्षिणा ढकोसला हो गया और जजिया जायज..

3. मीना बाजार लगवा कर अपनी हवस के लिये कुंवारी लड़कियों की छंटनी करने वाला अकबर_महान हो गया और लोक कल्याण के लिये रासलीला रचाने वाले श्रीकृष्ण व्यभिचारी..

4. मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम दलित_विरोधी हो गये और हजारों निर्दोष महिलाओं का कत्लेआम करवाने वाला मोइनुद्दीन चिश्ती गरीबनवाज..

5. लुटेरे मुगल महान भारतीय बन गये और मूल भारतीय काफिर..

6. यज्ञोपवीत और उपनयन संस्कार ढकोसला बन गये और जन्मदिन पर मोमबत्ती बुझाना परम्परा..

7. कुल वंश हीन नहरू और खानवंशी पहले गांधी फिर यज्ञोपवीत धारी ब्राह्मण बन गये और भारतीय जनता बेवकूफ..

8. मोमिन असली कश्मीरी बन गये और कश्मीरी पंडित शरणार्थी..

9. बांग्लादेशी बंगाली बन गये और असल बंगाली बाहरी..

10. सैनिकों के हत्यारे और पत्थरबाज आंदोलनकारी बन गये और भारतीय सेना हत्यारी..

11. टुकड़े_टुकड़े_गैंग वाले देशभक्त बन गये और राष्ट्रवादी भक्त..

12. चिता की लकड़ी पर्यावरणीय चिंता बन गयी और दफनाने में बर्बाद होने वाली भूमि जन्मसिद्ध मजहबी हक..

13. दीपावली का धुवां पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला बन गया और बकरीद पर नालियों में बहता बेगुनाह जानवरों का खून पर्यावरण रक्षक..

14. राखी में इस्तेमाल किया गये ऊन से भेड़ को चोट पहुंची और बकरीद के नाम पर कत्ल की जा रही भेंड़ बकरियां धार्मिक स्वतंत्रता..

15. धर्मविशेष का तुष्टीकरण धर्मनिरपेक्ष हो गया और समानता की बात करना कम्युनल..

16. आरएसएस जैसा राष्ट्रवादी संगठन आतंकवादी बन गया और आईएसआईएस, हुर्रियत, ओसामा जी, हाफिज साहेब वगैरह शांति के अग्रदूत..

17. भारत_माता_की_जय सांप्रदायिक हो गया और भारत_तेरे_टुकडे_होंगे फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन..

18. #】फूट_डालो_राज_करो नियम बन गया और सबका_साथ_सबका_विकास जुमला..

शतरंजी चालें तो बहुत हैं, लेकिन एक तथ्य और जान लीजिये-

नानक जी से पहले कोई सिख नहीं था, 
जीसस से पहले कोई ईसाई नहीं था,
मुहम्मद से पहले कोई मुसलमान नहीं था, 
ऋषभदेव से पहले कोई जैन नहीं था,
बुद्घ से पहले कोई बौद्ध नहीं था 
और कार्ल मार्क्स से पहले कोई वामपंथी नहीं था.. 
लेकिन राम से पहले, कृष्ण से पहले, अत्रि, यमदग्नि, अगस्त्य, कणाद, पतंजलि तथा याज्ञवलक्य से पहले भी सनातन वैदिक धर्म था 
और आज से कहीं ज्यादा विस्तृत था..

सोचियेगा.. आखिर सनातन के मूल विश्वगुरु भारत में यह अनर्थ क्यूं और कैसे संभव हुए.? और अगर समझ लें, तो कृपया अब से भी संभलने का प्रयास करियेगा..💐

जय_हिन्द

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