बोध_कथा..
महाराजा रणजीत सिंह के समय की बात है.. एक ग्रामीण की गाय घास चरते-चरते बाग में चली गयी और उसके सींग पेड़ों के बीच में फंस गये। सींग निकालने के प्रयास में गाय जोर से रंभाने लगी तो भीड़ इकट्ठी हो गयी, लोग तरह तरह के उपाय बताने लगे।
तभी एक व्यक्ति आया, गाय को देखते ही बोला- "इसमें कौन सी बड़ी बात है.? सींग काट दो, गाय आसानी से निकल जायेगी..!" यह सुनते ही भीड़ में सन्नाटा छा गया, क्योंकि कोई भी गाय को हानि नहीं पहुंचाना चाहता था।
पेड़ काटकर गौमाता को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.. लेकिन कुछ दिन बाद गौ के सींग काटने वाली बात महाराजा रणजीत सिंह तक भी पहुंच गयी। महाराजा ने उस व्यक्ति को तलब किया और पूछा- "क्या नाम है तेरा.?"
उस व्यक्ति ने अपना परिचय दुलीचन्द पुत्र सोमचंद बताया। उसकी मां ने भी यही परिचय देते हुए बताया कि दुलीचंद का पिता युद्ध में मुसलमानों से लड़ते हुए मारा गया था..
किन्तु महाराजा को बात खटक रही थी, वह संतुष्ट नहीं हो पा रहे थे.. उन्होंने गुप्त रूप से पता कराया तो जानकारी हुई कि उस महिला के अवैध सम्बन्ध उसके पड़ोसी शमसुद्दीन से थे और दुलीचंद उसके पति सोमचंद की नहीं बल्कि शमसुद्दीन की औलाद है।
कथा_सार..
DNA_टेस्ट हमेशा ही जरूरी नहीं है। यदि कोई सनातनी हिन्दू, हिन्दुत्व से घृणा कर रहा है तो समझ जाइये कि कोई लोचा जरूर हो गया है.. क्योंकि कोई भी शुद्ध सनातनी हिन्दू कभी भी अपनी संस्कृति, अपनी मातृभूमि और अपनी गौमाता के अनिष्ट, अपमान या उनके पराभव को किसी भी रूप में सहन नहीं कर सकता।
आज हमारे आसपास समाज में जाने कितने सन_आफ_शमसुद्दीन अपना भेष बदल कर सन_आफ_सोमचन्द बने घूम रहे हैं। इनमें राजनेता, पत्रकार, और नयी प्रजाति के ऐक्टिविस्ट भी हैं जिनके नाम तो हिन्दू हैं लेकिन असल में वह सन_आफ_शमसुद्दीन हैं, जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ सनातन संस्कृति को मिटाना है।
अब समय आ गया है कि हम जल्द से जल्द ऐसे दुलीचंदों की ही नहीं बल्कि इन्हें पैदा करने वाले शमसुद्दीनों की भी पहचान कर लें, ताकि इन्हें इनके अंजाम तक पहुंचाया जा सके और हमारा देश, सभ्यता और संस्कृति इनसे सुरक्षित रहे..
जय_हिन्द🚩
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