Monday, June 21, 2021

भारत का पहला सशक्त_विपक्ष

स्वतंत्रता प्राप्ति के 70 वर्षों बाद अंततः श्री राहुल_जी के क्रांतिकारी मार्गदर्शन में ऐसा सशक्त और सकारात्मक विपक्ष देश को मिल ही गया, जिसने विगत 7 वर्षों में केन्द्र को एक भी घोटाला नहीं करने दिया, उलटे केंद्र और भाजपा पर निरंतर दबाव बनाकर उनके हर प्रयास को तेजी दे रहा है। 

पता है, आप नहीं मानोगे। कुछ उदाहरण दे रहा हूं-

सरकार ने कहा- "राफेल लायेंगे..!"
विपक्ष ने अपना कर्तव्य निभाते हुए प्रश्नों की झड़ी लगा दी-
"कब लाओगे.?"
"कैसे लाओगे.?"
"ला के दिखाओ..!"

अंततः विपक्ष के दबाव में सरकार को राफेल लाना ही पड़ा।

सरकार ने कहा- "'CAA लायेंगे..!"
विपक्ष ने फिर अपना कर्तव्य निभाया-
"कब लाओगे.?"
"कैसे लाओगे.?"
"ला के दिखाओ..!"

अंततः सरकार को CAA लाना ही पड़ा।

सरकार ने कहा- ''370 हटायेंगे..!"
विपक्ष खुशी में शोर मचाने लगा-
''कब हटाओगे.?"
"कैसे हटाओगे.?"
"हटा के दिखाओ..!"
और सरकार को 370 हटानी पड़ी।

सरकार ने कहा- ''राममंदिर बनवायेंगे..!"
विपक्ष उत्साहित हो गया-
''कब बनवाओगे.?"
"कैसे बनवाओगे.?"
"बनवा के दिखाओ..!"
और राम_मंदिर बनने लगा..

आप मानोगे नहीं, लेकिन सरकार को ऐसे अनेक कार्य जल्दी-जल्दी वर्तमान सशक्त विपक्ष के दबाव में ही करने पड़े हैं।

तो.. मेरा मोदीजी, उनकी सरकार (और भक्तों से भी) अनुरोध है कि इन सभी कार्यों का #श्रेय लेना बन्द करें। देशहित के इन सभी कार्यों का वास्तविक_श्रेय श्री राहुल_जी के मार्गदर्शन और विपक्ष को ही है, जो लगातार "अपने वायदे कब पूरे करोगे.?" का नारा लगाता रहा है।

अभी भी जनसंख्या_नियंत्रण और समान_नागरिक_संहिता सहित कई महत्वपूर्ण कार्य शेष हैं। देशहित के सारे आवश्यक कार्य शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण हों, इसके लिये अब हमें दृढ़ निश्चय कर लेना है कि यही विपक्ष 2034 तक अवश्य रहे।

जय_हिन्द

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