पति-पत्नी जंगल से गुजर रहे थे। अचानक पत्नी की दृष्टि सड़क पर घायल पड़े एक जानवर के बच्चे पर पड़ी, उसने कार रुकवा दी और दोनों बाहर आ गये।
पत्नी बोली ने उसे पानी पिलाया तो शावक में थोड़ी जान आयी। पत्नी बोली- "यह तो कुत्ते का बच्चा है, इसे साथ ले चलते हैं। हमारे दोनों कुत्तों के साथ ही रह लेगा.." पति ने कहा- "शहर से दूर इस जंगल में कुत्ता कहां से आयेगा.? यह भेड़िये का बच्चा है, इसे छोड़ो और कार में बैठो.." पत्नी अड़ गयी कि यह कुत्ते का ही बच्चा है और उसे अपने घर ले आयी।
अच्छे खान-पान से थोड़े ही दिन में भेड़िये का बच्चा मोटा-तगड़ा हो गया। कुछ दिनों बाद ही दंपति का एक कुत्ता घर से गायब हो गया, उसकी हड्डियां घर के पीछे मिलीं और भेड़िये के बच्चे के मुंह में खून लगा मिला। पति बोला- देखा, मैंने कहा था न कि यह भेड़िये का बच्चा है.? इसने हमारे कुत्ते को मार डाला.!" पत्नी बोली- "दोनों कुत्ते पहले दिन से ही इससे चिढ़ते थे, इस बेचारे ने अपने बचाव में ही ऐसा किया होगा.!" पति चुप हो गया..
कुछ दिनों बाद दूसरा कुत्ता भी गायब हो गया। पति ने फिर भेड़िये के बच्चे पर शक जताया, पत्नी फिर उसके समर्थन में आ गयी। घर में झगड़े होने लगे और पड़ोसी भी बोलने लगे कि मोहल्ले से भेड़िये को भगाओ, लेकिन पत्नी मानने को तैयार ही नहीं थी।
फिर एक दिन उन पति-पत्नी का अपना एक बच्चा भी गायब हो गया, अब पति अड़ गया कि इसे घर में नहीं रहने दूंगा। पत्नी नहीं मानी और दोनों में तलाक हो गया, पत्नी अपने दूसरे बच्चे और भेड़िये को लेकर मायके आ गयी। कुछ दिनों के बाद भेड़िया उसके दूसरे बच्चे को भी खाकर भाग गया। अब पत्नी भेड़िये को खोजने निकल पड़ी, लोगों ने कहा- "पहले तो हमारी बात मानी नहीं, अब उसे खोज कर क्या करोगी.?"
पत्नी बोली- "मैं उस भेड़िये को #माफी मांगने के लिये ढूंढ़ रही हूं। अगर मेरे पति और दोनों कुत्तों ने उस मासूम से इतनी नफरत न की होती, तो बेचारे को मानव_मांस खाने को मजबूर न होना पड़ता.."
हम आज भी तथाकथित गांधीवादियों और लिबरलों के चक्कर में भेड़ियों_से_मुहब्बत और अपनों_की_अनदेखी कर रहे हैं। लेकिन याद रखिये कि भेड़िये कभी भी अपना धर्म, अपना चरित्र नहीं बदलते.. वो खूनी होते हैं और खूनी ही रहेंगे..!
नोट: इस कथा का आतंकवाद_के_धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं है.. 😐
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