ऐतिहासिक_तथ्य..
22 मई 2004 को देश के प्रधान पद से अटल_जी की अप्रत्याशित विदाई हुई। राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कोई अभूतपूर्व घटना नहीं थी, परंतु उसके बाद देश में जो कुछ हुआ वह अविस्मरणीय अवश्य है।
अटल जी के बाद रीढ़विहीन नेतृत्व में रिमोट से चलने वाली कांग्रेसी_सरकारें केंद्र की सत्ता में आयीं जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि एक के बाद एक घाव भारतमाता को लगते रहे। स्मरण करिये-
1. 15 अगस्त 2004, असम के धीमाजी में ब्लास्ट 18 मृत/40 घायल
2. 5 जुलाई 2005, अयोध्या 5 मृत/26 घायल
3. 28 जुलाई 2005, जौनपुर RDX ब्लास्ट 13 मृत/50 घायल
4. 29 अक्टूबर 2005, दिल्ली सीरियल ब्लास्ट 70 मृत/250 घायल
5. 28 दिसंबर 2005, IIMS बंगलोर हमला 1 मृत/4 घायल
6. 7 मार्च 2006 वाराणसी में 3 बम धमाके, 28 मृत/104 घायल
7. 11 जुलाई 2006, मुंबई सीरियल ट्रेन ब्लास्ट 209 मृत/700 घायल
8. 8 सितंबर 2006, मालेगांव मस्जिद ब्लास्ट 37 मृत/125 घायल, (इसमें सिमी का हाथ था, लेकिन कांग्रेस ने इसे हिंदू आतंकवाद में बदला।)
9. 18 फरवरी 2007, समझौता ब्लास्ट 68 मृत/50 घायल, (इसमें लश्कर का हाथ लेकिन कांग्रेस ने इसे भी हिंदू आतंकवाद में बदलवाया।)
10. हैदराबाद मस्जिद ब्लास्ट, 16 मृत/100 घायल, (इसे भी कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद में बदलने की असफल कोशिश की।)
11. 14 अक्टूबर 2007, लुधियाना ब्लास्ट 6 मृत/22 घायल
12. 22 नवंबर 2007, यूपी के कई शहरों में ब्लास्ट 16 मृत/79 घायल
13. 1 जनवरी 2008, यूपी के रामपुर में CRPF कैंप ब्लास्ट 8 मृत/7 घायल
14. 13 मई 2008, जयपुर सीरियल ब्लास्ट 63 मृत/200 घायल
15. 25 जुलाई 2008, बैंगलोर ब्लास्ट 2 मृत/20 घायल
16. 26 जुलाई 2008, अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट 35 मृत/110 घायल
17. 13 सितंबर 2008, दिल्ली सीरियल ब्लास्ट 33 मृत/108 घायल
18. 27 सितंबर 2008, दिल्ली महरौली ब्लास्ट 3 मृत/33 घायल
19. 1 अक्टूबर 2008, अगरतला ब्लास्ट 4 मृत/100 घायल
20. 21 अक्टूबर 2008, इंफाल ब्लास्ट 17 मृत/50 घायल
21. 30 अक्टूबर 2008, असम ब्लास्ट 81 मृत/500 घायल
22. 26 नवंबर 2008, मुंबई आतंकी हमला 166 मृत/600 घायल
23. 1 जनवरी 2009, गौहाटी ब्लास्ट 6 मृत/67 घायल
24. 6 अप्रैल 2009, गौहाटी ब्लास्ट 7 मृत/62 घायल
25. 13 फरवरी 2010, पुणे जर्मन बेकरी ब्लास्ट 17 मृत/70 घायल
26. 7 दिसंबर 2010, वाराणसी सीरियल ब्लास्ट 3 मृत/36 घायल
27. 13 नवंबर 2011, मुंबई ब्लास्ट 26 मृत/126 घायल
28. 7 सितंबर 2011, दिल्ली हाईकोर्ट ब्लास्ट 17 मृत/180 घायल
29. 1 अगस्त 2012, पुणे ब्लास्ट मृत/घायल अज्ञात
30. 21 फरवरी 2013, हैदराबाद ब्लास्ट 18 मृत/131 घायल
31. 17 अप्रैल 2013, बंगलोर ब्लास्ट 14 घायल
32. 7 जुलाई 2013, बोधगया ब्लास्ट 6 घायल
33. 27 अक्तूबर 2013, पटना रैली में ब्लास्ट 8 मृत/85 घायल
34. 1 मई 2014, चेन्नई ट्रेन ब्लास्ट 2 मृत/14 घायल
इनके अतिरिक्त माओवादियों, नक्सलियों और कश्मीर आदि में आतंकियों द्वारा निरंतर घटनाएं की गयीं, उनमें मृत/घायलों के आंकड़े उपलब्ध ही नहीं हैं और बटला_हाउस जैसी घटनाएं भी हुईं जिसमें आतंकियों के मारे जाने पर कांग्रेसी_राजमाता को फूट-फूट कर रोना पड़ गया था।
आप भाजपा और मोदी के कितने भी विरोधी हों, लेकिन यह तो स्वीकार ही करना होगा (भले ही दिल पर पत्थर रख कर मानें) कि उनके प्रधान बनने के बाद आतंकी J&K से नीचे नहीं उतर पाये और 2014 के बाद से देश में कहीं भी कोई ब्लास्ट नहीं हुआ है।
तो.. हर बार सरकार चुनते समय सोचियेगा जरूर कि आपको आतंकियों की मौत पर रोने वाले चाहिये, या आतंकियों को उनकी मांद में घुसेड़ कर 72_सुअरों के पास दोजख में भेजने वाले चाहिये.?
जय_हिंद 🙏
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