Sunday, August 8, 2021

विपक्षी पार्टियां और राहुल गांधी का मंकी_एफर्ट..

एक बार जंगल में शेर के खिलाफ बगावत हो गयी, शेर से नाराज तमाम जानवर इकट्ठा हो गये और मौका अच्छा देख बन्दर उनका नेता बन गया। फिर जंगल में प्रचार होने लगा कि शेर अत्याचारी है और अब जंगल को बन्दर ही बचा सकता है.. 

फिर एक दिन शेर_विरोधी मार्च तय हुआ और सभी शेर विरोधी पोस्टर बैनर लेकर इकट्ठा हुए। तभी वहां शेर आ गया। जानवर डर गये और बंदर से बोले- "तुम हमारे नेता हो, हमें शेर से बचाओ.!" बन्दर भी पेड़ पर चढ़ कर इस डाल से उस डाल कूद-कूद कर खों-खों करने लगा, शेर चुपचाप मजे लेता रहा.! शेर के जाने के बाद जंगल के जानवरों ने बंदर से पूछा- "तुमने कुछ किया क्यों नहीं.?" बंदर ने ऐतिहासिक उत्तर दिया- "डाल-डाल कूद कर मैंने कितनी कोशिश की थी, मेरे एफर्ट में कोई कमी थी क्या.?"

भारत का विपक्ष भी लगातार मृतप्राय_कांग्रेस और वयस्क_बालक राहुल_गांधी के भरोसे कभी राफेल, कभी CAA और NRC, कभी एवार्ड वापसी, कभी किसान आंदोलन और अब पेगासस जैसे मंकी_एफर्ट्स से मोदी को हटाना चाह रहा है। विपक्ष समझ ही नहीं पा रहा है कि-

मुस्लिम_वोट_बैंक में दम होता, तो मई 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री न बने होते..
नफरत से भरे मुट्ठीभर_लेखकों और कवियों को मई 2014 के बाद विलाप भाव की कविता का पाठ करते हुए एवार्ड_वापसी और देश छोड़ने का ऐलान न करना पड़ता..
राफेल में दम होता, तो फिर 2019 में नरेंद्र मोदी दुबारा प्रधानमंत्री न बने होते..
NRC और CAA के दंगों में दम होता, तो किसान आंदोलन न होता..
और किसान_आंदोलन में दम होता, तो अब पेगासस जैसी बासी_कढ़ी फिर से न उबाली जा रही होती.. 

मेरे विचार से नरेंद्र_मोदी_वार्ड में भर्ती विपक्ष के सारे मरीजों को समझ लेना चाहिये कि मंकी_एफर्ट्स से देश की छवि खराब करते हुए अपना ईगो_मसाज तो किया जा सकता है, पर नरेंद्र मोदी जैसे जननायक को बानरी उछल कूद से पछाड़ पाना संभव नहीं है।   

चंद मुस्लिम वोटों के लिये "भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्ला, इंशा अल्ला.." या "तुम कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा.." की मानसिकता में डूबे विपक्ष की पुलवामा में आतंकी कार्रवाई को भी मोदी की साजिश मानना, मोदी विरोध के उफान में चीन को अपना बाप मान लेना, सर्जिकल_स्ट्राइक और एयर_स्ट्राइक को फर्जी बताकर सबूत मांगना, अभिनंदन की वापसी को भी तिकड़म मानना.. सेना, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग सहित हर संवैधानिक_संस्था व जनता को भी भक्त तथा भाजपाई घोषित कर देना और कोरोना_काल में भी देश को गृहयुद्ध में झोंकने की कोशिश करना उसे निरंतर रसातल में ही ले जा रहा है।

अब देश ही नहीं, देश की राजनीति भी आमूल-चूल बदल चुकी है और जनता ने अपनी प्राथमिकताएं भी बदल ली हैं। जनता अब अपनी जरूरतें भी जानती है और अपनी महत्वाकांक्षाएं भी। तो उचित होगा कि सम्पूर्ण विपक्ष और कांग्रेस भी राहुल के मंकी_एफर्ट के खेल से बाहर निकल कर जमीनी स्तर पर जनता के बीच नहीं जाये और सकारात्मक राजनीति करे नहीं तो गगन_विहारी विपक्ष तो लगातार मोदी को और अधिक मजबूत ही बनाता दिख रहा है और 2024 में भी नरेंद्र का कुछ बिगाड़ पायेगा, ऐसा सम्भव नहीं लग रहा है।

🚩🇮🇳 #जय_हिंद 🇮🇳🚩

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