★"एक बार फिर लोकतंत्र में लोगों की आस्था बनी रह गई है.."
★"ईवीएम की खराबी अब बीते दिनों की बात है.."
★"मोदी-शाह के चुनावी अश्वमेध के बगटुट घोड़े को बंगाल की दीदी ने थाम लिया है..
ऐसी कुछ हेडलाइंस, ऐसे कुछ स्लग्स, ऐसे कुछ विश्लेषण अगले 2-3 दिनों तक आपको टीवी/पेपर्स में देखने को मिलने वाले हैं।
यह चुनाव पांच राज्यों में हुए हैं, जिनमें से दो -असम और पुडुचेरी- में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है, बंगाल में उसने 3 की तुलना में 75 से अधिक सीटें लेकर गजब का प्रदर्शन किया है, तमिलनाडु में दमदार शुरुआत की है और केरल में मेट्रोमैन श्रीधरन की हार के बाद भी भाजपा की धमक स्पष्ट दिखने लगी है.. लेकिन चर्चा ऐसी हो रही है, जैसे बंगाल में भाजपा की सरकार थी और ममता ने उसे छीन लिया है। वस्तुतः यह मीडिया के छद्म बुद्धिजीवियों की बनाई दुनिया थी जो भाजपा का सब कुछ बंगाल में दांव पर लगा हुआ बता रही थी। भाजपा के पास बंगाल में खोने को था ही क्या.? उसकी 3 से 75-80 सीटों की जीत प्रमाण है कि भाजपा ने बंगाल में राजनीतिक दल के रूप में गजब का प्रदर्शन किया है। रही बात प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के चुनाव प्रचार करने की ( जो कहा जा रहा है), तो क्या वह अपनी पार्टी के नेता नहीं हैं, और क्या मंत्रिपद उनको अपने दल के लिये प्रचार करने से वंचित कर देता है.?
कांग्रेस और लेफ्ट के अभूतपूर्व सफाये की कोई चर्चा नहीं कर रहा है। बंगाल में दोनों का ही खाता तक नहीं खुला और असम में तमाम दम झोंकने और मुस्लिम जेहादियों के साथ गठबंधन करने के बावजूद कांग्रेस की दाल नहीं गली है।
यह सच है कि बंगाल में दीदी एक पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही हैं, लेकिन यह भी सच है कि नंदीग्राम के नतीजे की छाया पूरे 5 साल उनकी सरकार पर ग्रहण की तरह छायी रहेगी।
बंगाल चुनाव नतीजों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि जिन-जिन सीटों पर मुस्लिम जनसंख्या प्रभावी थी, वहां-वहां टीएमसी की जोरदार जीत हुई है। वोटों का यह बटखरा सीधे तौर पर तृणमूल के पक्ष में गया और उसने पलड़े को झुका दिया। हिंदू_वोटर हमेशा की तरह असमंजस में रहा, जबकि मुसलमानों ने हमेशा की तरह भाजपा को हराने के लिये एकजुट होकर वोट किया जिसका आह्वान भी ममता ने खुले मंच से किया था.. सोचना तो अब वहां के हिंदुओं को होगा।
चुनाव लोकतंत्र की असल कसौटी होते हैं और इसमें किसी की जीत तो किसी की हार होती ही रहती है। लेकिन बंगाल की असल चुनौती अभी आगे आनी बाकी है जिसका संकेत टीएमसी के गुंडों ने नतीजे आते ही आरामबाग में भाजपा #कार्यालय को जलाकर दे दिया है। कमीशनखोरी, तोलेबाजी और हर केंद्रीय योजना में अड़ंगा अब बंगाल का नसीब होने वाला है।
कई चुनावों के बाद बंगाल में भाजपा के रूप में एक मजबूत विपक्ष आया है, वह हिंदुओं को कितना बचा पायेगी यह तो समय ही बता पायेगा.. लेकिन उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि भाजपा के रहते रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी वहां अब एक नया_कश्मीर नहीं बना पायेंगे।
#जय_हिंद 💐
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