दो साल पहले #दालफ्राई के लिए पगलाकर पूरी दुनिया में भारतीय सेना की बेइज्जती कराने और Summary Court Martial से दोषसिद्ध होकर बर्खास्त होने वाले #तेज_बहादुर_यादव की शौर्यगाथा संक्षेप में-
1. BSF में होने के बावजूद यह घोर अनुशासनहीन था। 2010 में इसने अपने सीनियर आफिसर पर रायफल तान दी थी, जिसके लिये उसका कोर्ट मार्शल हुआ और इसे 89 दिन की दलेल मिली थी। तब इसके परिवार और बच्चों पर तरस खाते हुए इसे बर्खास्त नहीं किया गया था।
2. यह भयंकर दारूबाजी (Chronic Alchoholism) का मरीज था, इसका इलाज भी कराया गया था।
3. मेहनत और खतरनाक ड्यूटी से बचने के लिए यह अक्सर Catageory Down (यह मेडिकल टर्म है, जो जवान की मेड़िकल अवस्था बताता है) कराके मजे मारता था। इसकी जांच करायी गयी तो पाया गया कि वह सैन्य टास्क पूरा करने में शारीरिक और मानसिक रुप से पूर्ण स्वस्थ है।
4. इसे BOPs (Sensitive Border Out Post) पर महज 10 दिन के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। पोस्ट दुर्गम स्थान पर थी जहां कैंटीन की सुविधा सम्भव ही नहीं थी। इसी दौरान इसने सोशल मीडिया पर #बिना_तड़के_वाली_दाल और पराठा वाली वीडियो पोस्ट कर पूरे विश्व को दिखाया कि भारतीय सेना को ऐसा खाना मिलता है और भारतीय सैनिक भूखे मर रहे हैं।
5. इसके पहले ही सितंबर 2016 में इसने VRS के लिये आवेदन कर दिया था और 31 जनवरी 2018 को उसे VRS मिलने वाली भी थी। पर जाते-जाते भी इसने भारतीय सेना की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाने का दुष्प्रयास किया, जिस पर 30 जनवरी को उसकी VRS रद्द कर कोर्ट ऑफ इंक्वारी शुरु की गयी। इंक्वायरी में पाया गया कि-
👉 फेसबुक पर इसके 39 सक्रिय फेक एकाउंट थे जिनमें तमाम आपत्तिजनक पोस्ट थीं। आखिर एक सैन्यकर्मी के लिये इतने सारे फेसबुक एकाउंट्स की क्या जरूरत थी.?
👉 इसके फेसबुक एकाउंट में इसके 3000 फ्रैंड थे जिनमें 500 के लगभग पाकिस्तानी थे। भारत की सेना में कार्यरत और कश्मीर जैसी जगह पर पोस्ट व्यक्ति की पाकिस्तान के लोगों से मित्रता न सिर्फ हैरत में डालती है बल्कि उसे संदिग्ध भी बनाती है, पता नहीं उनमें कितने आइएसआइ के लोग होंगे। 👉 यह ऑनड्यूटी दो मोबाइल रखता था और सोशल मीडिया पर Location & Pictures पोस्ट कर सैन्य बल की SOP (Standard Operating Procedure) का उल्लंघन करता था।
👉 निःसंदेह तेज बहादुर किन्हीं और लोगों का #मोहरा था जो उसके माध्यम से भारत और भारतीय सेना के विरुद्ध कई लक्ष्य साधना चाह रहे थे, किन्तु सब फेल हो गया और इसे #बर्खास्त कर दिया गया।
👉 भारतीय सेना का #दोषसिद्ध_अपराधी अब सेटिंग के तहत #सैनिक_आक्रोश के नाम पर फिर से #लांच कर दिया गया है, वह भी उस शख्सियत के विरुद्ध जिसने महज 5 वर्ष में भारतीय सेना को हर तरह की सुविधा एवं क्षमता से लैस कर उसकी आन बान शान को ऐतिहासिक बुलन्दी पर पहुंचाया है।
★ सेना की आस्तीन के इस सांप और देश के दुश्मन को बनारस से प्रत्याशी बनाकर #गठबंधन देश और जनता को क्या संदेश देना चाहता है, यह तो जनता ही बेहतर समझ और समझा पायेगी।
1. BSF में होने के बावजूद यह घोर अनुशासनहीन था। 2010 में इसने अपने सीनियर आफिसर पर रायफल तान दी थी, जिसके लिये उसका कोर्ट मार्शल हुआ और इसे 89 दिन की दलेल मिली थी। तब इसके परिवार और बच्चों पर तरस खाते हुए इसे बर्खास्त नहीं किया गया था।
2. यह भयंकर दारूबाजी (Chronic Alchoholism) का मरीज था, इसका इलाज भी कराया गया था।
3. मेहनत और खतरनाक ड्यूटी से बचने के लिए यह अक्सर Catageory Down (यह मेडिकल टर्म है, जो जवान की मेड़िकल अवस्था बताता है) कराके मजे मारता था। इसकी जांच करायी गयी तो पाया गया कि वह सैन्य टास्क पूरा करने में शारीरिक और मानसिक रुप से पूर्ण स्वस्थ है।
4. इसे BOPs (Sensitive Border Out Post) पर महज 10 दिन के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। पोस्ट दुर्गम स्थान पर थी जहां कैंटीन की सुविधा सम्भव ही नहीं थी। इसी दौरान इसने सोशल मीडिया पर #बिना_तड़के_वाली_दाल और पराठा वाली वीडियो पोस्ट कर पूरे विश्व को दिखाया कि भारतीय सेना को ऐसा खाना मिलता है और भारतीय सैनिक भूखे मर रहे हैं।
5. इसके पहले ही सितंबर 2016 में इसने VRS के लिये आवेदन कर दिया था और 31 जनवरी 2018 को उसे VRS मिलने वाली भी थी। पर जाते-जाते भी इसने भारतीय सेना की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाने का दुष्प्रयास किया, जिस पर 30 जनवरी को उसकी VRS रद्द कर कोर्ट ऑफ इंक्वारी शुरु की गयी। इंक्वायरी में पाया गया कि-
👉 फेसबुक पर इसके 39 सक्रिय फेक एकाउंट थे जिनमें तमाम आपत्तिजनक पोस्ट थीं। आखिर एक सैन्यकर्मी के लिये इतने सारे फेसबुक एकाउंट्स की क्या जरूरत थी.?
👉 इसके फेसबुक एकाउंट में इसके 3000 फ्रैंड थे जिनमें 500 के लगभग पाकिस्तानी थे। भारत की सेना में कार्यरत और कश्मीर जैसी जगह पर पोस्ट व्यक्ति की पाकिस्तान के लोगों से मित्रता न सिर्फ हैरत में डालती है बल्कि उसे संदिग्ध भी बनाती है, पता नहीं उनमें कितने आइएसआइ के लोग होंगे। 👉 यह ऑनड्यूटी दो मोबाइल रखता था और सोशल मीडिया पर Location & Pictures पोस्ट कर सैन्य बल की SOP (Standard Operating Procedure) का उल्लंघन करता था।
👉 निःसंदेह तेज बहादुर किन्हीं और लोगों का #मोहरा था जो उसके माध्यम से भारत और भारतीय सेना के विरुद्ध कई लक्ष्य साधना चाह रहे थे, किन्तु सब फेल हो गया और इसे #बर्खास्त कर दिया गया।
👉 भारतीय सेना का #दोषसिद्ध_अपराधी अब सेटिंग के तहत #सैनिक_आक्रोश के नाम पर फिर से #लांच कर दिया गया है, वह भी उस शख्सियत के विरुद्ध जिसने महज 5 वर्ष में भारतीय सेना को हर तरह की सुविधा एवं क्षमता से लैस कर उसकी आन बान शान को ऐतिहासिक बुलन्दी पर पहुंचाया है।
★ सेना की आस्तीन के इस सांप और देश के दुश्मन को बनारस से प्रत्याशी बनाकर #गठबंधन देश और जनता को क्या संदेश देना चाहता है, यह तो जनता ही बेहतर समझ और समझा पायेगी।
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